में..

हथेली सामने रखना
के सब आँसू गिरें उस में
जो रुक जाए गा होंठों पर
समझ जाना के वो हूँ मैं

कभी जो चाँद को देखो
तो तुम यूँ मुस्कुरा देना
के फिर बादल भी आ जाएँ
समझ जाना के वो हूँ मैं

जो चल जाए हवा ठंडी
तो आँखें बंद कर लेना
जो झोंका तेज़ हो सब से
समझ जाना के वो हूँ मैं

जो ज़्यादा याद आऊँ मैं
तो तुम रो लेना जी भर के
अगर हिचकी कोई आए
समझ जाना के वो हूँ मैं

अगर तुम भूलना चाहो मुझे
शायद भुला दो तुम
मगर जब साँस आएगी
समझ जाना के वो हूँ मैं........